किस तवक़्क़ो’ पे क्या उठा रखिए ?

kis-tavaqqo-pe-kya

किस तवक़्क़ो’ पे क्या उठा रखिए ? दिल सलामत नहीं तो क्या रखिए ? लिखिए कुछ और दास्तान

किस को मालूम है क्या होगा नज़र से पहले

kis-ko-malum-hai

किस को मालूम है क्या होगा नज़र से पहले होगा कोई भी जहाँ ज़ात ए बशर से पहले

सवालो के बदले लहज़े ऐसे…

sata le hamko jo dilchaspi hai unhe hamko satane me

सवालो के बदले लहज़े ऐसे कि हमें जानते ही न हो जैसे, मिजाज़ मौसम भी न बदले वो

ये अमीरों से हमारी फ़ैसलाकुन जंग थी

ye-amiro-se-hamari

ये अमीरों से हमारी फ़ैसलाकुन जंग थी फिर कहाँ से बीच में मस्ज़िद ओ मंदिर आ गए ?

भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे

bhala-gamo-se-kahan

भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे हम आँसुओं की तरह मुस्कुराने वाले थे, हम ही ने

भरोसा कैसे करे कोई अब तिज़ारत के हवालो का ?

bharosa-kaise-kare-koi

भरोसा कैसे करे कोई अब तिज़ारत के हवालो का ? न रहा सत्ता का यकीं हमको, न सत्ता

अपने थके हुए दस्त ए तलब से माँगते है

apne-thake-hue-dast

अपने थके हुए दस्त ए तलब से माँगते है जो माँगते नहीं रब से वो सब से माँगते

जो होने वाला है वो हादसा दिखाई तो दे

kaam is dil ki tabahi se kya liya jaaye

जो होने वाला है वो हादसा दिखाई तो दे कोई चराग जलाओ हवा दिखाई तो दे, तेरी गली

क्या सरोकार अब किसी से मुझे

kya-sarokar-ab-kisi

क्या सरोकार अब किसी से मुझे वास्ता था तो था बस तुझी से मुझे, बेहिसी का भी अब

रंगों की आड़ में खुनी खेल, ये इंसानियत क्या जाने ?

rango-ki-aad-me

रंगों की आड़ में खुनी खेल, ये इंसानियत क्या जाने ? हरा, भगवा में डूबे हुए केसरिया का