अज़ब क़ातिब है इन्साँ में फ़रावानी नहीं भरता

azab-qatib-hai-insa

अज़ब क़ातिब है इन्साँ में फ़रावानी नहीं भरता दगाबाज़ी तो भरता है वफ़ादारी नहीं भरता, भरोसा था तभी

गम ए तन्हाई में राहत ए दिल का सबब है

gam-e-tanhai-me

गम ए तन्हाई में राहत ए दिल का सबब है एक ये चंचल सी हवा और अँधेरी रात,

सहराओं से आने वाली हवाओं में रेत है

sahraaon-se-aane-wali

सहराओं से आने वाली हवाओं में रेत है हिज़रत करूँगा गाँव से गाँवो में रेत है, ऐ कैस

ये एक बात समझने में रात हो गई है

ye-ek-baat-samjhne

ये एक बात समझने में रात हो गई है मैं उससे जीत गया हूँ कि मात हो गई

यहाँ किसे ख़बर है कि ये उम्र बस

yahan-kise-khabar-hai

यहाँ किसे ख़बर है कि ये उम्र बस इसी पे गौर करने में कट रही है, कि ये

वो जो दिख रहा है सच हो ये ज़रूरी तो नहीं है

wo-jo-dikh-raha-hai

वो जो दिख रहा है सच हो ये ज़रूरी तो नहीं है वो जो तुम कहते हो हक़

संगदिल कहाँ किसी का गमगुसार करते है

sangdil-kahan-kisi-ka

संगदिल कहाँ किसी का गमगुसार करते है ये मुर्दा ज़मीर कब मज़लूमो से प्यार करते है, ना फ़िक्र

जो पूछती हो तो सुनो ! कैसे बसर होती है

jo-puchti-ho-to

जो पूछती हो तो सुनो ! कैसे बसर होती है रात खैरात की, सदके की सहर होती है,

आँख में पानी रखो होंठों पे चिंगारी रखो

aankh-me-paani-rakho

आँख में पानी रखो होंठों पे चिंगारी रखो ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो, राह के

ये आसमां ज़रूरी है तो ज़मीं भी ज़रूरी है

ye-aasmaa-zaruri-hai

ये आसमां ज़रूरी है तो ज़मीं भी ज़रूरी है ज़िन्दगी के वास्ते कुछ कमी भी ज़रूरी है, हर