बात ऐसी तो करो दिल पे असर कोई करे
बात ऐसी तो करो दिल पे असर कोई करे बिन तेरे कैसे जीया तुझ को ख़बर कोई करे,
Life Status
बात ऐसी तो करो दिल पे असर कोई करे बिन तेरे कैसे जीया तुझ को ख़बर कोई करे,
जब लगे ज़ख़्म तो क़ातिल को दुआ दी जाये है यही रस्म तो ये रस्म उठा दी जाये,
आए हैं सराए में तो घर जाएँगे क्या है हम लोग किसी रोज़ गुज़र जाएँगे क्या है हम
कुछ अब की बार तो ऐसा बिफर गया पानी बहा के ले गया हर शय जिधर गया पानी,
फ़क़ीराना तबीअत थी बहुत बेबाक लहजा था कभी मुझ में भी हँसता खेलता एक शख़्स रहता था, बगूले
पढ़िए सबक़ यही है वफ़ा की किताब का काँटे करा रहे हैं तआरुफ़ गुलाब का, कैसा ये इंतिशार
अपने लिए रहा कभी उस के रहा ख़िलाफ़ मेरा मिज़ाज सब के लिए एक सा ख़िलाफ़, ऐसे भी
जलता रहा मैं रात की तन्हाइयों के साथ और तुम रहे हो सुब्ह की रानाइयों के साथ, ऐ
दिल में बस जान सा मैं रहता हूँ ख़ुद में मेहमान सा मैं रहता हूँ, कितने आबाद दिल
इश्क़ की राह में यूँ हद से गुज़र मत जाना हों घड़े कच्चे तो दरिया में उतर मत