मैंने पल भर में यहाँ लोगो को बदलते हुए देखा है
मैंने पल भर में यहाँ लोगो को बदलते हुए देखा है ज़िन्दगी से हारे हुए लोगो को जीतते
Life Poetry
मैंने पल भर में यहाँ लोगो को बदलते हुए देखा है ज़िन्दगी से हारे हुए लोगो को जीतते
इस तसल्ली से बरसते है आँसू तेरे सामने कि तेरा हाथ मेरे रुखसार को तो आएगा, तेरे चाहने
जिधर देखते है हर तरफ गमो के अम्बार देखते है हर किसी को रंज़ ओ अलम में गिरफ्तार
जानता कोई नहीं आज असूलो की ज़ुबान काश ! आ जाए हमें बोलना फूलों की ज़ुबान, मौसम ए
बशर तरसते है उम्दा खानों को मौत पड़ती है हुक्मरानो को, ज़ुर्म आज़ाद फिर रहा है यहाँ बेकसों
बशर तरसते है उम्दा खानों को मौत पड़ती है हुक्मरानो को, ज़ुर्म आज़ाद फिर रहा है यहाँ बेकसों
सब गुनाह ओ हराम चलने दो कह रहे है निज़ाम चलने दो, ज़िद्द है क्या वक़्त को बदलने
एक शख्स की खातिर ज़बर कर बैठा हूँ मैं ज़िन्दगी को इधर उधर कर बैठा हूँ, उस लम्हे
ख़ुदा की कौन सी है राह बेहतर जानता है मज़ा है नेकियों में क्या कलंदर जानता है, बहुत
ऐ निगाह ए दोस्त ये क्या हो गया क्या कर दिया पहले पहले रौशनी दी फिर अँधेरा कर