चीखते है दर ओ दीवार नहीं होता मैं

chikhte-hai-dar-o

चीखते है दर ओ दीवार नहीं होता मैं आँख खुलने पे भी बेदार नहीं होता मैं, ख़्वाब देखना

क़ुबूल है अब तो ज़िन्दगी का हर तोहफ़ा

qubul-hai-ab-to

क़ुबूल है अब तो ज़िन्दगी का हर तोहफ़ा मैंने ख्वाहिशो का नाम बताना छोड़ दिया, जो दिल के

जुबां कड़वी, हलक सूखा, हैं साँसे मुनज़मिद मेरी

zuban kadwi halak sukha hai saanse munzamid

जुबां कड़वी, हलक सूखा, हैं साँसे मुनज़मिद मेरी ज़हर ने किया क्या आख़िर ज़रा सी चासनी दे कर,

अज़ब क़ातिब है इन्साँ में फ़रावानी नहीं भरता

azab-qatib-hai-insa

अज़ब क़ातिब है इन्साँ में फ़रावानी नहीं भरता दगाबाज़ी तो भरता है वफ़ादारी नहीं भरता, भरोसा था तभी

गम ए तन्हाई में राहत ए दिल का सबब है

gam-e-tanhai-me

गम ए तन्हाई में राहत ए दिल का सबब है एक ये चंचल सी हवा और अँधेरी रात,

सहराओं से आने वाली हवाओं में रेत है

sahraaon-se-aane-wali

सहराओं से आने वाली हवाओं में रेत है हिज़रत करूँगा गाँव से गाँवो में रेत है, ऐ कैस

ये एक बात समझने में रात हो गई है

ye-ek-baat-samjhne

ये एक बात समझने में रात हो गई है मैं उससे जीत गया हूँ कि मात हो गई

यहाँ किसे ख़बर है कि ये उम्र बस

yahan-kise-khabar-hai

यहाँ किसे ख़बर है कि ये उम्र बस इसी पे गौर करने में कट रही है, कि ये

वो जो दिख रहा है सच हो ये ज़रूरी तो नहीं है

wo-jo-dikh-raha-hai

वो जो दिख रहा है सच हो ये ज़रूरी तो नहीं है वो जो तुम कहते हो हक़

संगदिल कहाँ किसी का गमगुसार करते है

sangdil-kahan-kisi-ka

संगदिल कहाँ किसी का गमगुसार करते है ये मुर्दा ज़मीर कब मज़लूमो से प्यार करते है, ना फ़िक्र