नज़र आ रहे हैं जो तन्हा से हम

nazar aa rahe hai jo tanha se ham

नज़र आ रहे हैं जो तन्हा से हम सो यूँ है कि भर पाए दुनिया से हम, न

ज़मीं पर आसमाँ कब तक रहेगा

zamin par aasmaan kab tak rahega

ज़मीं पर आसमाँ कब तक रहेगा ये हैरत का मकाँ कब तक रहेगा ? नज़र कब आश्ना ए

जिसके साथ अपनी माँ की दुआएँ होती है

jiske saath apni maa ki duaayen hoti hai

जिसके साथ अपनी माँ की दुआएँ होती है उसके मुक़द्दर में जन्नत की हवाएँ होती है, जिसे माँ

जो कहीं ना मिले वो ख़ुशी चाहिए

jo kahin naa mile wo khushi chahiye

जो कहीं ना मिले वो ख़ुशी चाहिए दर्द चाहे कैसा भी हो बंदगी चाहिए, मुझे अब ख्वाहिश ए

ये नहर ए आब भी उस की है मुल्क ए शाम उस का

ye nahar e aab bhi us ki hai

ये नहर ए आब भी उस की है मुल्क ए शाम उस का जो हश्र मुझ पे बपा

वो बख्शता है गुनाह ए अज़ीम भी लेकिन

wo bakhshta hai gunaah e azim bhi

वो बख्शता है गुनाह ए अज़ीम भी लेकिन हमारी छोटी सी नेकी संभाल रखता है, हम उसे भूल

किसी की ना सुनिए ख़ुद की सुनाते जाइए

kisi ki naa suniye khud ki sunaate jaaiye

किसी की ना सुनिए ख़ुद की सुनाते जाइए आप जो है ख़ुद वही सबको बनाते जाइए, मुर्दा ज़मीरो

तुम्हारे आँसू कभी बहने न देंगे

tumhare aansoo kabhi bahne na denge

तुम्हारे आँसू कभी बहने न देंगे तुम्हे इस तरह उदास रहने न देंगे, तेरी नज़रों में हम बेवफ़ा

क्या करे मेरी मसीहाई भी करने वाला ?

kya kare meri masihaai bhi karne wala

क्या करे मेरी मसीहाई भी करने वाला ? ज़ख़्म ही ये मुझे लगता नहीं भरने वाला, ज़िंदगी से

मैं शाख़ से उड़ा था सितारों की आस में

main shaakh se uda tha sitaron ki

मैं शाख़ से उड़ा था सितारों की आस में मुरझा के आ गिरा हूँ मगर सर्द घास में,