उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं

us ko bhi ham

उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं इश्क़ ही इश्क़ की क़ीमत हो ज़रूरी तो

पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम पत्थर के ही इंसाँ पाए हैं

Patthar ke khuda patthar

पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम पत्थर के ही इंसाँ पाए हैं तुम शहर ए मोहब्बत कहते हो

तू फूल की मानिंद न शबनम की तरह आ

tu phool ki manind

तू फूल की मानिंद न शबनम की तरह आ अब के किसी बेनाम से मौसम की तरह आ,

दुआ का टूटा हुआ हर्फ़ सर्द आह में है

Dua ka tuta hua

दुआ का टूटा हुआ हर्फ़ सर्द आह में है तेरी जुदाई का मंज़र अभी निगाह में है, तेरे

मैं छू सकूँ तुझे मेरा ख़याल ए ख़ाम है क्या

main chhoo sakoon tujhe

मैं छू सकूँ तुझे मेरा ख़याल ए ख़ाम है क्या तेरा बदन कोई शमशीर ए बे नियाम है

तन्हा सफ़र में खुद को यूँ ही चलते देखा

tanha safar me khud

तन्हा सफ़र में खुद को यूँ ही चलते देखा भीड़ भरी दुनियाँ में खुद को संभलते देखा, ना

तेरी जुदाई ने ये क्या बना दिया है मुझे

Teri Judai ne ye

तेरी जुदाई ने ये क्या बना दिया है मुझे मैं भी जिस्म था साया बना दिया है मुझे,

नए मौसम को क्या होने लगा है

नए मौसम को क्या

नए मौसम को क्या होने लगा है कि मिट्टी में लहू बोने लगा है, कोई क़ीमत नहीं थी

भूले से किसी और का रस्ता नहीं छूते

भूले से किसी और

भूले से किसी और का रस्ता नहीं छूते अपनी तो हर एक शख़्स से रफ़्तार जुदा है, उस

अगर ये ज़िद है कि मुझ से दुआ सलाम न हो

अगर ये ज़िद है कि

अगर ये ज़िद है कि मुझ से दुआ सलाम न हो तो ऐसी राह से गुज़रो जो राह