चिड़ियाँ होती है बेटियाँ….
चिड़ियाँ होती है बेटियाँ मगर पंख नहीं होते बेटियों के, मायके भी होते है,ससराल भी होते है मगर
Islamic Poetry
चिड़ियाँ होती है बेटियाँ मगर पंख नहीं होते बेटियों के, मायके भी होते है,ससराल भी होते है मगर
आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं सामान सौ बरस के हैं कल की ख़बर नहीं, आ जाएँ
कुछ इस तरह से इबादत खफ़ा हुई हमसे नमाज़ ए इश्क बहुत कम अदा हुई हमसे, गरीब आँखों
कश्ती चला रहा है मगर किस अदा के साथ हम भी न डूब जाएँ कहीं ना ख़ुदा के
किसी से भी नहीं हम सब्र की तलक़ीन लेते है हमें मिलती नहीं जो चीज उसको छीन लेते
मैंने पल भर में यहाँ लोगो को बदलते हुए देखा है ज़िन्दगी से हारे हुए लोगो को जीतते
जिधर देखते है हर तरफ गमो के अम्बार देखते है हर किसी को रंज़ ओ अलम में गिरफ्तार
जानता कोई नहीं आज असूलो की ज़ुबान काश ! आ जाए हमें बोलना फूलों की ज़ुबान, मौसम ए
चलो आओ हम एक वायदा करें दिलो में बस अपने मुहब्बत भरे, वो सब काम जिनसे दुखे दिल
मत पूछो मुसलमान का हाल… मस्ज़िद के लिए सर कटाने को तैयार है लेकिन मस्ज़िद में सर झुकाने