जाग उठेंगे दर्द पुराने ज़ख़्मों की अँगनाई में
जाग उठेंगे दर्द पुराने ज़ख़्मों की अँगनाई में दिल की चोट उभर आएगी मत निकलो पुर्वाई में, कोयल …
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जाग उठेंगे दर्द पुराने ज़ख़्मों की अँगनाई में दिल की चोट उभर आएगी मत निकलो पुर्वाई में, कोयल …
बा वक़्त ए शाम सूरज से हुकुमत छीन लेता है सहर होते ही सितारों से क़यादत छीन लेता …
बहुत उदास है दिल जाने माजरा क्या है मेरे नसीब में गम के सिवा धरा क्या है, मैं …
सुकुन के दिन फ़रागत की रात से भी गए तुझे गँवा के हम भारी कायनात से भी गए, …
कोई महबूब सितमगर भी तो हो सकता है फूल के हाथ में खंजर भी तो हो सकता है, …
जिसके साथ अपनी माँ की दुआ होती है उसके मुक़द्दर में जन्नत की हवा होती है, जिन्हें माँ …
फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है तू नहीं है तो ज़माना भी बुरा लगता है, …
हर घड़ी चश्म ए ख़रीदार में रहने के लिए कुछ हुनर चाहिए बाज़ार में रहने के लिए, मैं …
मुझपे हैं सैकड़ों इल्ज़ाम मेंरे साथ न चल तू भी हो जाएगा बदनाम मेंरे साथ न चल, तू …
परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है, मिला है हुस्न …