भाइयो में फ़साद क्या करूँ मैं…??
भाइयो में फ़साद क्या करूँ मैंबाप की ज़ायदाद क्या करूँ मैं, जिन में चुप रहने की नसीहत होऐसे …
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भाइयो में फ़साद क्या करूँ मैंबाप की ज़ायदाद क्या करूँ मैं, जिन में चुप रहने की नसीहत होऐसे …
मेरे दिल में मुहब्बत ज़रा देखिएचश्म ए पुरनम से मेरी वफ़ा देखिए, छोड़ जाएँगे मुझको ये एहसास हैजाते …
जाने कितने रकीब रहते हैज़िन्दगी के क़रीब रहते है, मेरी सोचो के आस्तां से परेमेरे अपने हबीब रहते …
ग़ज़ल की शक्ल में एक बात है सुनाने कीएक उसका नाम है वजह मुस्कुराने की, इस तरह राब्ता …
भूल पाते हम नहीं गुज़रा ज़माना चाहकर भीया खुदा नहीं ऐसे किसी को तड़पाना चाहिए, संगदिलो में भी …
मुझे अपनों में उलझन ही रही हैरहा हूँ दुश्मनों में ख़ुश हमेशा, है इनकी इस अदा पे जान …
फ़ासले क़ुर्ब की पहचान हुआ करते हैबेसबब लोग परेशान हुआ करते है, ये हकीक़त है जहाँ टूट के …
यहाँ पल पल चलना पड़ता हैहर रंग में ढलना पड़ता है, हर मोड़ पे ठोकर लगती हैहर हाल …
सर रख कर रोने को शाना चाहिए थामैं तन्हा था तुझको आना चाहिए था, आज मैं आया था …
जिस शेर का उन्वान मुहब्बत थी, वो तुम थेजिस दर्द का दरमान मुहब्बत थी, वो तुम थे, रंगीन …