बहुत सलीक़े से चीख ओ पुकार करते रहे…
बहुत सलीक़े से चीख ओ पुकार करते रहेहम अपने दर्द के मरकज़ पे वार करते रहे ज्यादा उम्र …
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बहुत सलीक़े से चीख ओ पुकार करते रहेहम अपने दर्द के मरकज़ पे वार करते रहे ज्यादा उम्र …
तुझसे मंसूब रहूँ तेरी कही जाऊँ पियातेरी निस्बत से लिखी और पढ़ी जाऊँ पिया झूमती फिरती हवाओ की …
दर्द से यादो से अश्को से शनासाई हैकितना आबाद मेरा गोशा ए तन्हाई है, ख़ार तो ख़ार है …
हवा ए शाम ! ज़रा सा क़याम होगा न ?चिराग़ ए जाँ को जलाओ, क़लाम होगा न ? …
अब तेरी याद से वहशत नहीं होती मुझ कोज़ख़्म खुलते हैं अज़िय्यत नहीं होती मुझ को, अब कोई …
जाते जाते वो हमको रुला कर चला गयागम की आँधी से सामना कर कर चला गया, वो हमेशा …
कोई सिपाही नहीं बच सका निशानों सेगली में तीर बरसते रहे मकानों से, ये बर्बादी अचानक से थोड़ी …
उल्फ़त की नज़र से हमें एक बार तो देखोकरते है क्या क्या तुम पे निसार तो देखो, जज़्बे …
जान ओ दिल हम उन्ही पे निसार करते हैहाँ है इक़रार सिर्फ उन्हें ही प्यार करते है, बंद …
जान ओ दिल हम उन्ही पे निसार करते हैहाँ है इक़रार सिर्फ उन्हें ही प्यार करते है, बंद …