बात ऐसी तो करो दिल पे असर कोई करे

बात ऐसी तो करो दिल पे असर कोई करे
बिन तेरे कैसे जीया तुझ को ख़बर कोई करे,

सब फ़रिश्ते ही बने बैठे हैं दुनियाँ में यहाँ
मैं ही इन्सान बचा, मुझ पे नज़र कोई करे,

है कठिन राह मुहब्बत की सभी जानते हैं
हो जो आसाँ तो फिर इस पे सफ़र सभी करे,

तेरा मुजरिम हूँ तो फिर मुझको सज़ा तुम से मिले
हाँ बुरा लगता जब इसकी फ़िकर कोई करे,

मुझ से होता ही नहीं अब तो गँवारा ये
ज़िन्दगी मेरी हो और इसको बसर कोई करे..!!

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