चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है

Chupke chupke raat din

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है हमको अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है, बा

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल ए यार होता

ye na thi humari

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल ए यार होता अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता, तेरे

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा

Aankhon me raha dil

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा, बेवक़्त अगर

आह को चाहिए एक उम्र असर होते तक

Aah ko chahiye ek

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक, दाम

कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे

Kitne Aish se rahte

कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे,

गूंगी हो गई आज कुछ ज़ुबान कहते कहते

Goongi ho gayi aaj

गूंगी हो गई आज कुछ ज़ुबान कहते कहते हिचकिचा गया मैं ख़ुद को मुसलमान कहते कहते, ये बात

कोई उम्मीद बर नहीं आती

Koi ummid bar nahin

कोई उम्मीद बर नहीं आती कोई सूरत नज़र नहीं आती, मौत का एक दिन मुअय्यन है नींद क्यूँ

तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो

Tum apne shikwe ki

तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो हज़र करो मेंरे दिल से कि इस में

रहिए अब ऐसी जगह चल कर जहाँ कोई न हो

Rahiye ab aisi jagah

रहिए अब ऐसी जगह चल कर जहाँ कोई न हो हम सुख़न कोई न हो और हम ज़बाँ

इशरत ए क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना

Ishrat e qatra hai

इशरत ए क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना,