तेरी जानिब अगर चले होते

तेरी जानिब अगर चले होते
हम न यूँ दर ब दर हुए होते,

सारी दुनिया है मेरी मुट्ठी में
कौन आएगा अब तेरे होते ?

और अब क्यूँ नहीं निभाते तुम
इतने वादे नहीं किए होते,

पा लिया मैं ने सारी दुनिया को
कोई ख़्वाहिश नहीं तेरे होते,

उस की आँखों में बार पाने को
काश हम ख़्वाब बन गए होते..!!

~वसी शाह

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