भारत के ऐ सपूतो हिम्मत दिखाए जाओ
दुनिया के दिल पे अपना सिक्का बिठाए जाओ,
मुर्दादिली का झंडा फेंको ज़मीन पर तुम
ज़िंदादिली का हर सू परचम उड़ाए जाओ,
लाओ न भूल कर भी दिल में ख़याल ए पस्ती
ख़ुशहाली ए वतन का बेड़ा उठाए जाओ,
तन मन मिटाए जाओ तुम नाम ए क़ौमीयत पर
राह ए वतन में अपनी जानें लड़ाए जाओ,
कम हिम्मती का दिल से नाम ओ निशाँ मिटा दो
जुरअत का लौह ए दिल पर नक़्शा जमाए जाओ,
ऐ हिंदूओ मुसलमाँ आपस में इन दिनों तुम
नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ,
बिक्रम की राजनीती अकबर की पॉलीसी की
सारे जहाँ के दिल पर अज़्मत बिठाए जाओ,
जिस कश्मकश ने तुम को है इस क़दर मिटाया
तुम से हो जिस क़दर तुम उस को मिटाए जाओ,
जिन ख़ाना जंगियों ने ये दिन तुम्हें दिखाए
अब उन की याद अपने दिल में भुलाए जाओ,
बेख़ौफ़ गाए जाओ हिन्दोस्ताँ हमारा
और वंदे मातरम के नारे लगाए जाओ,
जिन देश सेवकों से हासिल है फ़ैज़ तुम को
इन देश सेवकों की जय जय मनाए जाओ,
जिस मुल्क का हो खाते दिन रात आब ओ दाना
उस मुल्क पर सरों की भेटें चढ़ाए जाओ,
फाँसी का जेल का डर दिल से फ़लक मिटा कर
ग़ैरों के मुँह पे सच्ची बातें सुनाते जाओ..!!
~लाल चन्द फ़लक

























