दुश्मनों से रह ख़फ़ा एक हद तलक

दुश्मनों से रह ख़फ़ा एक हद तलक
दोस्तों से भी निभा एक हद तलक,

हम निवाला हम पियाला कोई हो
राज़ उस को भी बता एक हद तलक,

जान दे कर वास्ते माँ बाप के
क़र्ज़ होता है अदा एक हद तलक,

दूरियाँ माना बहुत अच्छी नहीं
क़ुर्बतें फिर भी बढ़ा एक हद तलक,

हक़ में है बीमार के लाज़िम दुआ
काम आती है दवा एक हद तलक,

जिस को तू समझे हुआ है राज़दार
राज़ उस को भी बता एक हद तलक,

हम वफ़ादारों की ख़ातिर ऐ सनम
चाहिए तुम को जफ़ा एक हद तलक,

कौन साहिल जान पाया उस का राज़
तुम को भी बस है पता एक हद तलक..!!

~राम चंद्र वर्मा साहिल


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