बदहवासी बदगुमानी बेनियाज़ी आप की
मुश्किलों में डाल देगी ज़िंदगानी आप की,
देख कर हैरत है सब को झूठ के दरबार में
आज भी क़ाएम है कैसे हक़ बयानी आप की ?
शॉर्टकट के रास्ते मंज़िल को पाना चाहते
हर किसी को दिख रही है बेक़रारी आप की,
इश्क़ के दरिया में मत उतरें कहा मानें मेरा
रहने दें अब हो गई कश्ती पुरानी आप की,
गुफ़्तुगू में थोड़ी सी शालीनता बरता करें
ले न डूबे आप को ये बदमिज़ाजी आप की,
दुनिया में अगयात से जो अहल ए फ़न होते नहीं
सोचिए फिर कौन करता ग़म गुसारी आप की..!!
~अजय अज्ञात

























