सज़ा पे छोड़ दिया कुछ जज़ा पे छोड़ दिया

सज़ा पे छोड़ दिया कुछ जज़ा पे छोड़ दिया
हर एक काम को मैं ने ख़ुदा पे छोड़ दिया,

वो मुझ को याद रखेगा या फिर भूला देगा
उसी का काम था उसकी रज़ा पे छोड़ दिया,

अब उसकी मर्ज़ी जलाये रखे या फिर बुझाये रखे
चिराग़ हम ने जला कर हवा पे छोड़ दिया,

उस से बात भी करते तो किस तरह करते
ये मसला था अना का, अना पे छोड़ दिया,

इसी लिए तो वो कहते हैं बे वफ़ा हम को
कि हम ने सारा ज़माना वफ़ा पे छोड़ दिया..!!

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