हमें अब खो के कहता है मुझे तुम याद आते हो
किसी का हो के कहता है मुझे तुम याद आते हो,
समन्दर था तो ज़ोर ओ शोर से लहरें बहाता था
अब क़तरा हो के कहता है मुझे तुम याद आते हो,
बयाँ करते जो हाल ए दिल तो यूँ मुस्कुरा दिए
अब वही रो के कहता है मुझे तुम याद आते हो,
न पूछो उसकी बदनसीबी का आलम मेरे हमदम
वो मुझ को खो के कहता है मुझे तुम याद आते हो..!!

























