सुकुन के दिन फ़रागत की रात से भी गए

sukun ke din faragat ki raat se bhi gaye

सुकुन के दिन फ़रागत की रात से भी गए तुझे गँवा के हम भारी कायनात से भी गए,

कोई महबूब सितमगर भी तो हो सकता है

koi mahbub sitamgar bhi

कोई महबूब सितमगर भी तो हो सकता है फूल के हाथ में खंजर भी तो हो सकता है,

जिसके साथ अपनी माँ की दुआ होती है

jiske sath apni maan ki duaa hoti hai

जिसके साथ अपनी माँ की दुआ होती है उसके मुक़द्दर में जन्नत की हवा होती है, जिन्हें माँ

फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है

phool ka shaakh pe aana bhi bura lagta hai

फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है तू नहीं है तो ज़माना भी बुरा लगता है,

हर घड़ी चश्म ए ख़रीदार में रहने के लिए

har ghadi chasm e kharidaar me rahne ke liye

हर घड़ी चश्म ए ख़रीदार में रहने के लिए कुछ हुनर चाहिए बाज़ार में रहने के लिए, मैं

मुझपे हैं सैकड़ों इल्ज़ाम मेंरे साथ न चल

mujhpe hai saikdo ilzam mere saath na chal

मुझपे हैं सैकड़ों इल्ज़ाम मेंरे साथ न चल तू भी हो जाएगा बदनाम मेंरे साथ न चल, तू

परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है

paron ko khol zamaana udaan dekhta hai

परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है, मिला है हुस्न

इश्क़ से जाम से बरसात से डर लगता है

ishq se jaam se barsaat se dar lagta hai

इश्क़ से जाम से बरसात से डर लगता है यार तुम क्या हो कि हर बात से डर

सभी कहें मेरे ग़मख़्वार के अलावा भी

sabhi kahe mere gamkhwar ke alawa bhi

सभी कहें मेरे ग़मख़्वार के अलावा भी कोई तो बात करूँ यार के अलावा भी, बहुत से ऐसे

वो दुश्मन ए जाँ जान से प्यारा भी कभी था

wo dushman e jaan jaan se pyara

वो दुश्मन ए जाँ जान से प्यारा भी कभी था अब किस से कहें कोई हमारा भी कभी