मैंने तुम्हे कितना सोचा ज़रीन कभी सोचा तुमने..

Bazme_khyal

इश्क़ सहरा है कि दरियाँ कभी सोचा तुमनेतुझसे क्या है मेरा नाता कभी सोचा तुमने ? हाँ मैं

हम शज़र से नहीं साये से वफ़ा करते है…

Bazme_Parinde

हम शज़र से नहीं साये से वफ़ा करते हैयही है वजह कि हम लोग दगा करते है, हम

वो दौर और था वो महबूबा और थी…

mujhe gumnam rahne ka

वो दौर और था वो महबूबा और थीजिनके आशिको को इश्क़ में मुक़ाम मिला है ये दौर और

कल यूँ ही तेरा तज़किरा निकला…

Bazme_thinking

कल यूँ ही तेरा तज़किरा निकलाफिर जो यादो का सिलसिला निकलालोग कब कब के आशना निकलेवक़्त कितना गुरेज़

आँख से फिर न बहेगा दिल ए बर्बाद का दुःख…

Bazme_Shikayat

आँख से फिर न बहेगा दिल ए बर्बाद का दुःखजब परीजाद समझ लेगी अनाज़ाद का दुःख याद करता

बहुत रोया वो हमको याद कर के…

Bazme_cryingface

बहुत रोया वो हमको याद कर केहमारी ज़िन्दगी बर्बाद कर के, पलट कर फिर यही आ जाएँगे हमवो

तलाश अपना मैं नाम करूँ…

Bazme_lhand

किसी रोज़ शाम के वक़्तसूरज के आराम के वक़्तमिल जाए जो साथ तेराहाथ में ले कर हाथ तेरादूर

ख़ुदा गारत करे ऐसे वतन के दुश्मन को…

Bazme_siyasat

जिसको देखो वही इक्तिदार चाहता हैयार चाहता है प्रोटोकॉल मर्ज़ी का, हर कोई चाहता है बनना सियासतदाँसियासत की

जो मैं भी रूठा तो सुबह तक तू सजी सजाई पड़ी रहेगी

Image_ghoonghat

ये लाल डिबिया में जो पड़ी है वो मुँह दिखाई पड़ी रहेगीजो मैं भी रूठा तो सुबह तक

तेरे उकताते हुए लम्स से महसूस हुआ…

Bazme_Bichhadne

तेरे उकताते हुए लम्स से महसूस हुआअब बिछड़ने का तेरे वक़्त हुआ चाहता है, अजनबियत तेरे लहज़े की