अहल ए उल्फ़त के हवालो पे हँसी आती है

ahle-ulfat-ke-hawalo

अहल ए उल्फ़त के हवालो पे हँसी आती हैलैला मज़नू की मिसालो पे हँसी आती है, जब भी

ज़ी चाहता है फ़लक पे जाऊँ

jee-chahta-hai-falaq

ज़ी चाहता है फ़लक पे जाऊँसूरज को गुरूब से बचाऊँ, बस मेरा चले जो गर्दिशो परदिन को भी

अब तो शहरों से ख़बर आती है दीवानों की

Ab to shaharon se

अब तो शहरों से ख़बर आती है दीवानों कीकोई पहचान ही बाक़ी नहीं वीरानो की, दिल में वो

अंदाज़ हू ब हू तेरी आवाज़ ए पा का था…

अंदाज़ हू ब हू

अंदाज़ हू ब हू तेरी आवाज़ ए पा का थादेखा निकल के घर से तो झोंका हवा का

जब तेरा हुक्म मिला तर्क ए मुहब्बत कर दी

jab tera huqm mila

जब तेरा हुक्म मिला तर्क ए मुहब्बत कर दीदिल मगर उसपे वो धड़का कि क़यामत कर दी, तुझसे

तलाशने सुकून को चला था एक रोज़ को

talashne sukun ko chala

तलाशने सुकून को चला था एक रोज़ कोनफ्स के पीछे चला था एक रोज़ वो, उसे ख़बर नहीं

अब पहन लीजिये नक़ाबो को

ab-pahan-lijiye-naqabo

अब पहन लीजिये नक़ाबो कोआने दीजिये ना इन्क़लाबो को, तोड़ कर ख़ुशबू लीजिये एक बारऔर मसल दीजिये गुलाबो

किस तरह ये दिल हुआ तुम पर फ़िदा, लिख जाऊँगा

kis-tarah-ye-dil

किस तरह ये दिल हुआ तुम पर फ़िदा, लिख जाऊँगाअपनी पेशानी पे अपनी हर खता लिख जाऊँगा, नेक

शिद्दत से हो रहा है दिल बेक़रार आ जा

shiddat-se-ho-raha

शिद्दत से हो रहा है दिल बेक़रार आ जामुमकिन नहीं है मुझसे अब इंतज़ार आ जा, इस बार

वो दिखी थी आज ख़्वाब में मुझे….

वो दिखी थी आज

वो दिखी थी आज ख़्वाब में मुझेचेहरा उनका गुलाब जैसा था, पड़ी जो नज़र तो झुकी न पलकवो