नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया

नख्ल ए ममनूअ के

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया, मैं तो मारा गयाअर्श से फ़र्श पर क्यूँ उतारा गया ?

उस ने सुकूत ए शब में भी अपना पयाम रख दिया

us ne sukut e

उस ने सुकूत-ए-शब में भी अपना पयाम रख दियाहिज्र की रात बाम पर माह-ए-तमाम रख दिया, आमद-ए-दोस्त की

उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ

usko-juda-hue-zamana

उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआअब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ, ढलती न थी

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे

wo dil hi kya

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करेमैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न

दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती

dil me n ho

दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलतीख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती , कुछ लोग

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो…

धूप में निकलो घटाओं

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखोज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो, सिर्फ़ आँखों से

तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ

tere-ishq-ki-inteha

तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँमेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ, सितम हो कि हो वादा ए बे

कुछ दूर हमारे साथ चलो

kuch-door-hamare-saath

कुछ दूर हमारे साथ चलोहम दिल की कहानी कह देंगे, समझे न जिसे तुम आँखों सेवो बात ज़ुबानी

वतन से दूर आ कर जो बड़ी दौलत कमाते है

watan-se-door-aa

वतन से दूर आ कर जो बड़ी दौलत कमाते हैकभी आओ हमें देखो कि गम कितना उठाते है,

यूँ ही हर बात पे हँसने का बहाना आये

yun-hi-har-baat

यूँ ही हर बात पे हँसने का बहाना आयेफिर वो मासूम सा बचपन का ज़माना आये, काश !