है शक्ल तेरी गुलाब जैसी, नज़र है तेरी शराब जैसी..
है शक्ल तेरी गुलाब जैसीनज़र है तेरी शराब जैसी, हवा सहर की है इन दिनों मेंबदलते मौसम के
Hindi Shayari
है शक्ल तेरी गुलाब जैसीनज़र है तेरी शराब जैसी, हवा सहर की है इन दिनों मेंबदलते मौसम के
ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहींतू ने मुझ को खो दिया मैं ने तुझे
उसे कहना मुहब्बत दिल के ताले तोड़ देती हैउसे कहना मुहब्बत दो दिलो को जोड़ देती है, उसे
कोई तो फूल खिलाए दुआ के लहज़े मेंअज़ब तरह की घुटन है हवा के लहज़े में, ये वक़्त
ख़बर क्या थी कि ऐसे अज़ाब उतरेंगेजो होंगे बाँझ वो आँखों में ख़्वाब उतरेंगे, सजेंगे ज़िस्म पे कुछ
अपने एहसास से छू कर मुझे संदल कर दोमैं कि सदियों से अधूरा हूँ मुकम्मल कर दो, न
अभी तो इश्क़ में ऐसा भी हाल होना हैकि अश्क रोकना तुम से मुहाल होना है, हर एक
अब जो लौटे हो इतने सालों मेंधूप उतरी हुई है बालों में, तुम मिरी आँख के समुंदर मेंतुम
आँखों से मिरी इस लिए लाली नहीं जातीयादों से कोई रात जो ख़ाली नहीं जाती, अब उम्र न
बाँध ले हाथ पे सीने पे सजा ले तुमकोजी में आता है कि ताबीज़ बना ले तुमको, फिर