इश्क़ का नास करोगी मुझे मालूम न था
इश्क़ का नास करोगी मुझे मालूम न था मेरे पल्ले ही पड़ोगी मुझे मालूम न था, एक महीने
Gazals
इश्क़ का नास करोगी मुझे मालूम न था मेरे पल्ले ही पड़ोगी मुझे मालूम न था, एक महीने
हो मोमिनों को हमेशा ही पयाम ए ईद मुबारक गगन के पार से आया है सलाम ए ईद
हम वो बुझदिल नहीं जो यलगार से डर जाएँगे तुम ने ये समझा कि हम तलवार से डर
सियासत मुफ़ादात में खो गई है हुकुमत न जाने कहाँ सो गई है ? आवामी मसायेल इन्हें तब
मुझ से बेहतर तो मिल गया है तुम्हें और अल्लह से क्या गिला है तुम्हें, हम इकट्ठे नहीं
दुनिया को शानदार का मतलब नहीं पता मतलब हमारे यार का मतलब नहीं पता, मैं ने कहा तलाश
किस को रौशन बना रहे हो तुम इतना जो बुझते जा रहे हो तुम लोग पागल बनाए जा
अभी तो ज़िंदा हैं कहते हो यारा क्या होगा हमारे बाद न जाने तुम्हारा क्या होगा हमारा ख़ुद
होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी बरहम हुई है यूँ भी तबीअत कभी कभी, ऐ दिल
वो दिलनवाज़ है लेकिन नज़रशनास नहीं मेरा इलाज मेरे चारागर के पास नहीं, तड़प रहे हैं ज़बाँ पर