ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहें
ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहें यूँही कब तलक ख़ुदाया ग़म ए ज़िंदगी निबाहें,
Gazals
ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहें यूँही कब तलक ख़ुदाया ग़म ए ज़िंदगी निबाहें,
किसी ने भी तो न देखा निगाह भर के मुझे गया फिर आज का दिन भी उदास कर
मुझे सहल हो गईं मंज़िलें वो हवा के रुख़ भी बदल गए तेरा हाथ हाथ में आ गया
आह ए जाँ सोज़ की महरूमी ए तासीर न देख हो ही जाएगी कोई जीने की तदबीर न
ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो अपना पराया मेहरबाँ ना मेहरबाँ कोई न
तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा तेरे सामने मेंरा हाल है तेरी एक निगाह की बात है मेंरी ज़िंदगी
कौन देखेगा भला इस में है रुस्वाई क्या ख़्वाब में आने की भी तुम ने क़सम खाई क्या,
बदन को काटता है दुख, मलाल नोचते हैं ये दर्द भेड़िए हैं और खाल नोचते हैं, अज़ाब ए
कभी वो हाथ न आया हवाओं जैसा है वो एक शख़्स जो सचमुच ख़ुदाओं जैसा है, हमारी शम
ऐ दोस्त कहीं तुझ पे भी इल्ज़ाम न आए इस मेरी तबाही में तेरा नाम न आए, ये