ज़िन्दगी खाक़ न थी बस खाक़ उड़ाते गुज़री

zindagi-khaaq na thi

ज़िन्दगी खाक़ न थी बस खाक़ उड़ाते गुज़रीतुझसे क्या कहते, तेरे पास जो आते गुज़री, दिन जो गुज़रा

गुरेज़ कर के मुसाफ़िर कोई गुज़र भी गया

gurez-kar-ke-musafir

गुरेज़ कर के मुसाफ़िर कोई गुज़र भी गयान जाने कैसे मेरी रूह में उतर भी गया, ये ज़ख्म

ज़रा सी देर ठहर कर सवाल करते है

zara-see-der-thahar

ज़रा सी देर ठहर कर सवाल करते हैसफ़र से आये हुओ का ख्याल करते है, मैं जानता हूँ

महफिले लूट गई जज़्बात ने दम तोड़ दिया…

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महफिले लूट गई जज़्बात ने दम तोड़ दियासाज़ ख़ामोश है नगमात ने दम तोड़ दिया, अनगिनत महफिले महरूम

दिल मेरा मिस्र का बाज़ार भी हो सकता है…

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दिल मेरा मिस्र का बाज़ार भी हो सकता हैकोई धड़कन का ख़रीदार भी हो सकता है, कोई हो

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया

नख्ल ए ममनूअ के

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया, मैं तो मारा गयाअर्श से फ़र्श पर क्यूँ उतारा गया ?

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया, मैं तो मारा गया

nakhl e mamnua ke

नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया, मैं तो मारा गयाअर्श से फ़र्श पर क्यूँ उतारा गया ?

उस ने सुकूत ए शब में भी अपना पयाम रख दिया

us ne sukut e

उस ने सुकूत-ए-शब में भी अपना पयाम रख दियाहिज्र की रात बाम पर माह-ए-तमाम रख दिया, आमद-ए-दोस्त की

उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ

usko-juda-hue-zamana

उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआअब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ, ढलती न थी

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे

wo dil hi kya

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करेमैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न