हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें

haadso ki zad me hai to muskurana chhod de

हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें ज़लज़लों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें

ये है तो सब के लिए हो ये ज़िद्द हमारी है

ye hai to sab ke liye ho ye zidd hamari hai

ये है तो सब के लिए हो ये ज़िद्द हमारी है इस एक बात पे दुनिया से जंग

भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे

bhala-gamo-se-kahan

भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे हम आँसुओं की तरह मुस्कुराने वाले थे, हम ही ने

उदास एक मुझी को तो कर नही जाता

udas-ek-mujhi-ko

उदास एक मुझी को तो कर नही जाता वह मुझसे रुठ के अपने भी घर नही जाता, वह

अंधेरा ज़ेहन का सम्त ए सफ़र जब खोने लगता है…

andhera zehan ka samt e safar jab khone lagta hai

अंधेरा ज़ेहन का सम्त ए सफ़र जब खोने लगता है किसी का ध्यान आता है उजाला होने लगता

तू समझता है कि रिश्तों की दुहाई देंगे…

tu samjhta hai ki ham rishto ki duhaai denge

तू समझता है कि रिश्तों की दुहाई देंगे हम तो वो हैं तेरे चेहरे से दिखाई देंगे, हम

तहरीर से वर्ना मेरी क्या हो नहीं सकता…

tahrir se warna meri kya ho nahi sakta

तहरीर से वर्ना मेरी क्या हो नहीं सकता एक तू है जो लफ़्ज़ों में अदा हो नहीं सकता,