जब किसी एक को रिहा किया जाए
जब किसी एक को रिहा किया जाए सब असीरों से मशवरा किया जाए, रह लिया जाए अपने होने
Sad Status
जब किसी एक को रिहा किया जाए सब असीरों से मशवरा किया जाए, रह लिया जाए अपने होने
जाने वाले से राब्ता रह जाए घर की दीवार पर दिया रह जाए, एक नज़र जो भी देख
अश्क ज़ाएअ हो रहे थे देख कर रोता न था जिस जगह बनता था रोना मैं उधर रोता
तारीकियों को आग लगे और दिया जले ये रात बैन करती रहे और दिया जले, उसकी ज़बाँ में
किसी से ख़ुश है किसी से ख़फ़ा ख़फ़ा सा है वो शहर में अभी शायद नया नया सा
जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं मेरी सरिश्त सफ़र है गुज़र न जाऊँ मैं, मेरे
राक्षस था न ख़ुदा था पहले आदमी कितना बड़ा था पहले, आसमाँ खेत समुंदर सब लाल ख़ून काग़ज़
तेरा सच है तेरे अज़ाबों में झूठ लिखा है सब किताबों में, एक से मिल के सब से
कच्चे बख़िये की तरह रिश्ते उधड़ जाते हैं लोग मिलते हैं मगर मिल के बिछड़ जाते हैं, यूँ
कितनी तरकीबें कीं बातिन के लिए नून साकिन मीम साकिन के लिए, मेरे अपने मुझ से जब बरहम