तेरे चेहरे की तरह और मेरे सीने की तरह

tere chehre ki tarah aur mere

तेरे चेहरे की तरह और मेरे सीने की तरह मेरा हर शेर दमकता है नगीने की तरह, फूल

यूँ तो वो हर किसी से मिलती है

yun to wo har kisi se milti hai

यूँ तो वो हर किसी से मिलती है हम से अपनी ख़ुशी से मिलती है, सेज महकी बदन

ज़बान ए ग़ैर से क्या शरह ए आरज़ू करते

zabaan e gair se kya sharah

ज़बान ए ग़ैर से क्या शरह ए आरज़ू करते वो ख़ुद अगर कहीं मिलता तो गुफ़्तुगू करते, वो

ग़म ए दौराँ ने भी सीखे ग़म ए जानाँ के चलन

gam e dauraan ne bhi sikhe

ग़म ए दौराँ ने भी सीखे ग़म ए जानाँ के चलन वही सोची हुई चालें वही बे साख़्तापन,

फ़नकार ख़ुद न थी मेरे फ़न की शरीक थी

fanqaar khud na thi mere fan ki

फ़नकार ख़ुद न थी मेरे फ़न की शरीक थी वो रूह के सफ़र में बदन की शरीक थी,

तेरी तलाश में हर रहनुमा से बातें कीं

teri talash me har rahnuma se

तेरी तलाश में हर रहनुमा से बातें कीं ख़ला से रब्त बढ़ाया हवा से बातें कीं, कभी सितारों

अब जी हुदूद ए सूद ओ ज़ियाँ से गुज़र गया

ab jee hudud e sood o ziyan

अब जी हुदूद ए सूद ओ ज़ियाँ से गुज़र गया अच्छा वही रहा जो जवानी में मर गया,

वो अहद अहद ही क्या है जिसे निभाओ भी

wo ahad ahad hi kya hai

वो अहद अहद ही क्या है जिसे निभाओ भी हमारे वादा ए उलफ़त को भूल जाओ भी भला

क़िस्सा अभी हिजाब से आगे नहीं बढ़ा

qissa abhi hijab se aage nahi badha

क़िस्सा अभी हिजाब से आगे नहीं बढ़ा मैं आप, वो जनाब से आगे नहीं बढ़ा, मुद्दत हुई किताब

हम तुम्हारे ग़म से बाहर आ गए

hum tumhare gam se bahar

हम तुम्हारे ग़म से बाहर आ गए हिज्र से बचने के मंतर आ गए, मैं ने तुम को