किसी ने भी तो न देखा निगाह भर के मुझे

kisi ne bhi to

किसी ने भी तो न देखा निगाह भर के मुझे गया फिर आज का दिन भी उदास कर

आह ए जाँ सोज़ की महरूमी ए तासीर न देख

aah e jaan soz

आह ए जाँ सोज़ की महरूमी ए तासीर न देख हो ही जाएगी कोई जीने की तदबीर न

ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो

Ae Dil mujhe aisi

ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो अपना पराया मेहरबाँ ना मेहरबाँ कोई न

झूठ का बोलना आसान नहीं होता है

झूठ का बोलना आसान

झूठ का बोलना आसान नहीं होता है दिल तेरे बाद परेशान नहीं होता है, सब तेरे बाद यही

उम्र भर सीने में एक दर्द दबाए रखा

उम्र भर सीने में

उम्र भर सीने में एक दर्द दबाए रखा एक बेनाम से रिश्ते को निभाए रखा, था मुझे वहम

दीवाना हूँ मैं बिखरे मोती चुनता हूँ

दीवाना हूँ मैं बिखरे

दीवाना हूँ मैं बिखरे मोती चुनता हूँ लम्हा लम्हा जोड़ के सदियाँ बुनता हूँ, तन्हा कमरे सूना आँगन

जब भी बैठता हूँ लिखने

जब भी बैठता हूँ

जब भी बैठता हूँ लिखने कुछ लिखा जाता नहीं, एक उसके सिवा कोई मौज़ूअ मुझे याद आता नहीं,

वो काश मान लेता कभी हमसफ़र मुझे

वो काश मान लेता

वो काश मान लेता कभी हमसफ़र मुझे तो रास्तो के पेच का होता न डर मुझे, बेशक ये

ये मोहब्बत जो मोहब्बत से कमाई हुई है

ये मोहब्बत जो मोहब्बत

ये मोहब्बत जो मोहब्बत से कमाई हुई है आग सीने में उसी ने तो लगाई हुई है, एक

जो शजर बे लिबास रहते हैं

जो शजर बे लिबास

जो शजर बे लिबास रहते हैं उन के साए उदास रहते हैं, चंद लम्हात की ख़ुशी के लिए