क्या आँधियाँ बड़ी आने वाली है….
क्या आँधियाँ बड़ी आने वाली है क्या कुछ बुरा होने वाला है ? इन्सान पहले से कुछ नहीं
Sad Poetry
क्या आँधियाँ बड़ी आने वाली है क्या कुछ बुरा होने वाला है ? इन्सान पहले से कुछ नहीं
उसके नज़दीक ग़म ए तर्क ए वफ़ा कुछ भी नहीं मुतमइन ऐसा है वो जैसे हुआ कुछ भी
एक दिन ख़ुद को अपने पास बिठाया हमने पहले यार बनाया फिर समझाया हमने, ख़ुद भी आख़िर कार
जाते जाते मुझे इल्ज़ाम तो देते जाओ दिल के रिश्ते को कोई नाम तो देते जाओ, दम निकल
वो इस अंदाज़ की मुझसे मोहब्बत चाहता है मेरे हर ख़्वाब पर अपनी हुकूमत चाहता है, मेरे हर
तेरी ख़ुशियों का सबब यार कोई और है न दोस्ती मुझ से और प्यार कोई और है न
ये चुभन अकेलेपन की, ये लगन उदास शब से मैं हवा से लड़ रहा हूँ, तुझे क्या बताऊँ
जिनके घरो में आज भी चूल्हा नहीं जला खाना गर हम उनको खिलाएँ तो ईद है, पानी नहीं
हम एक ख़ुदा के बन्दे है और एक जहाँ में बसते है, रब भी जब चाहे हम साथ
झूठी हँसी तेरा मुस्कुराना झूठा यार तेरा तो हर एक बहाना झूठा, कैसे ऐतबार करूँ फिर से तुझ