कुछ बात है कि आज ख्याल ए यार आया

kuch-baat-hai-ki

कुछ बात है कि आज ख्याल ए यार आया एक बार नहीं बल्कि बार बार आया, भूल चुका

भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे

bhala-gamo-se-kahan

भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे हम आँसुओं की तरह मुस्कुराने वाले थे, हम ही ने

उदास एक मुझी को तो कर नही जाता

udas-ek-mujhi-ko

उदास एक मुझी को तो कर नही जाता वह मुझसे रुठ के अपने भी घर नही जाता, वह

भरोसा कैसे करे कोई अब तिज़ारत के हवालो का ?

bharosa-kaise-kare-koi

भरोसा कैसे करे कोई अब तिज़ारत के हवालो का ? न रहा सत्ता का यकीं हमको, न सत्ता

क्या सरोकार अब किसी से मुझे

kya-sarokar-ab-kisi

क्या सरोकार अब किसी से मुझे वास्ता था तो था बस तुझी से मुझे, बेहिसी का भी अब

रखा न अब कहीं का दिल ए बेक़रार ने

rakha-na-ab-kahin

रखा न अब कहीं का दिल ए बेक़रार ने बर्बाद कर दिया ग़म ए बे इख़्तियार ने, दिल

इश्क़ कर के मुक़र गई होगी…

ishq-kar-ke-muqar

इश्क़ कर के मुक़र गई होगी वो तो लड़की है डर गई होगी, आदतें सब ख़राब कर के

आग बहते हुए पानी में लगाने आई

aag-bahte-hue-paani

आग बहते हुए पानी में लगाने आई तेरे ख़त आज मैं दरिया में बहाने आई, फिर तेरी याद

होना नहीं अब उसने मेहरबान छोड़ दे

hona-nahi-ab-usne

होना नहीं अब उसने मेहरबान छोड़ दे उसके लिए तू चाहे ये जहान छोड़ दे, कितनी उठाए हमने

हमने कैसे यहाँ गुज़ारी है

hamne-kaise-yahan-guzari

हमने कैसे यहाँ गुज़ारी है अश्क खुनी है आह ज़ारी है, हम ही पागल थे जान दे बैठे