तसव्वुर में भी जिसकी जुस्तुजू करता है दिल मेरा

tasavvur-me-bhi-jiski

तसव्वुर में भी जिसकी जुस्तुजू करता है दिल मेरा उसी से हिज्र में भी गुफ़्तुगू करता है दिल

हासिल हुई जब से आरज़ी शोहरते…

हासिल हुई जब से

हासिल हुई जब से आरज़ी शोहरते माल ओ ज़र के नशे में चूर हो गया, पा के ऊँचा

रोज़मर्रा वही एक ख़बर देखिए

rozmarra-wahi-ek-khabar

रोज़मर्रा वही एक ख़बर देखिए अब तो पत्थर हुआ काँचघर देखिए, सड़के चलने लगी आदमी रुक गया हो

हम प्यास के मारों का इस तरह गुज़ारा है

ham-pyas-ke-maaro-ka

हम प्यास के मारों का इस तरह गुज़ारा है आँखों में नदी लेकिन हाथो में किनारा है, दो

ये दिल टूट न जाए इस बात पर

ye-dil-tut-na

ये दिल टूट न जाए इस बात पर एक तरफ़ा ही ज़ोर लगाया मैंने, मेरे दिल की आवाज़

वो एक लफ़्ज़ जो बेसदा जाएगा

wo-ek-lafz-jo

वो एक लफ़्ज़ जो बेसदा जाएगा वही मुद्दतों तक सुना जाएगा, कोई है जो मेरे तआक़ुब में है

मुक़द्दर ने कहाँ कोई नया पैग़ाम लिखा है

muqaddar-ne-kahan-koi

मुक़द्दर ने कहाँ कोई नया पैग़ाम लिखा है अज़ल ही से वरक़ पर दिल के तेरा नाम लिखा

शरीक ए आलम ए कैफ़ ओ सुरूर….

shariq-e-alam-e

शरीक ए आलम ए कैफ़ ओ सुरूर मैं भी था कि रात जश्न में तेरे हुज़ूर मैं भी

मुझे तन्हाई के ग़म से बचा लेते तो अच्छा था

mujhe-tanhaai-ke-gam

मुझे तन्हाई के ग़म से बचा लेते तो अच्छा था सफ़र में हमसफ़र अपना बना लेते तो अच्छा

नदी के पार उजाला दिखाई देता है

nadi-ke-paar-ujala

नदी के पार उजाला दिखाई देता है मुझे ये ख़्वाब हमेशा दिखाई देता है, बरस रही हैं अक़ीदत