और क्या करता बयान ए गम तुम्हारे सामने

और क्या करता बयान

और क्या करता बयान ए गम तुम्हारे सामने मेरी आँखें हो गई पुरनम तुम्हारे सामने, हम जुदाई में

चौंक चौंक उठती है महलों की फ़ज़ा रात गए

चौंक चौंक उठती है

चौंक चौंक उठती है महलों की फ़ज़ा रात गए चौंक चौंक उठती है महलों की फ़ज़ा रात गए

ज़माना आज नहीं डगमगा के चलने का

ज़माना आज नहीं डगमगा

ज़माना आज नहीं डगमगा के चलने का ज़माना आज नहीं डगमगा के चलने का सम्भल भी जा कि

मेरा ख़ामोश रह कर भी उन्हें सब कुछ सुना देना

mera-khamosh-rah-kar

मेरा ख़ामोश रह कर भी उन्हें सब कुछ सुना देना ज़बाँ से कुछ न कहना देख कर आँसू

ऐ मेरे हम नशीं चल कहीं और चल

ae-mere-ham-nashin

ऐ मेरे हम नशीं चल कहीं और चल इस चमन में अब अपना गुज़ारा नहीं, बात होती गुलों

भीगा हुआ है आँचल आँखों में भी नमी है

भीगा हुआ है आँचल

भीगा हुआ है आँचल आँखों में भी नमी है फैला हुआ है काजल आँखों में भी नमी है,

जिस वक़्त वालिदैन ने जनाज़े उठाये होंगे

jis waqt vaalidain ne janaje uthaye honge

जिस वक़्त वालिदैन ने जनाज़े उठाये होंगे उस वक़्त कितने खून के आँसू बहाए होंगे, मुंसफ सज़ा कहाँ

हक़ मेहर कितना होगा बताया नहीं गया

haq mehar kitna hoga bataya nahi gaya

हक़ मेहर कितना होगा बताया नहीं गया शहज़ादियों को बाम पे लाया नहीं गया, कमज़ोर सी हदीस सुना

दिल ए बेताब की मुझको हिमायत अब नहीं करनी

dil e betab ki mujhko

दिल ए बेताब की मुझको हिमायत अब नहीं करनी मुझे आज़ाद रहना हैं मुहब्बत अब नहीं करनी, गिला

कैसे होता है मुमकिन ये गवारा करना

kaise hota hai mumkin ye ganvara karna

कैसे होता है मुमकिन ये गवारा करना दिल में बसे हुए लोगो से किनारा करना, कुछ मुहब्बत के