मैं छू सकूँ तुझे मेरा ख़याल ए ख़ाम है क्या

main chhoo sakoon tujhe

मैं छू सकूँ तुझे मेरा ख़याल ए ख़ाम है क्या तेरा बदन कोई शमशीर ए बे नियाम है

तेरी जुदाई ने ये क्या बना दिया है मुझे

Teri Judai ne ye

तेरी जुदाई ने ये क्या बना दिया है मुझे मैं भी जिस्म था साया बना दिया है मुझे,

न वो मिलता है न मिलने का इशारा कोई

Na wo milta hai na

न वो मिलता है न मिलने का इशारा कोई कैसे उम्मीद का चमकेगा सितारा कोई ? हद से

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना फिर उसके जज़्बों को मार देना, अगर

न किसी पे ज़ख़्म अयाँ कोई न किसी को फ़िक्र रफ़ू की है

न किसी पे ज़ख़्म

न किसी पे ज़ख़्म अयाँ कोई न किसी को फ़िक्र रफ़ू की है न करम है हम पे

असर उस को ज़रा नहीं होता

असर उस को ज़रा

असर उस को ज़रा नहीं होता रंज राहत फ़ज़ा नहीं होता, बेवफ़ा कहने की शिकायत है तो भी

रह वफ़ा में कोई साहिब ए जुनूँ न मिला

रह वफ़ा में

, गुलों के रुख़ पे वही ताज़गी का आलम है न जाने उन को ग़म ए रोज़गार क्यूँ

और कोई दम की मेहमाँ है गुज़र जाएगी रात

और कोई दम की

और कोई दम की मेहमाँ है गुज़र जाएगी रात ढलते ढलते आप अपनी मौत मर जाएगी रात, ज़िंदगी

मुझ से बेहतर तो मिल गया है तुम्हें

मुझ से बेहतर तो

मुझ से बेहतर तो मिल गया है तुम्हें और अल्लह से क्या गिला है तुम्हें, हम इकट्ठे नहीं

किस को रौशन बना रहे हो तुम

kis ko raushan bana

किस को रौशन बना रहे हो तुम इतना जो बुझते जा रहे हो तुम लोग पागल बनाए जा