तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा तेरे सामने मेंरा हाल है

tujhe kya sunaaoon main

तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा तेरे सामने मेंरा हाल है तेरी एक निगाह की बात है मेंरी ज़िंदगी

बदन को काटता है दुख, मलाल नोचते हैं

badan ko kaatta hai

बदन को काटता है दुख, मलाल नोचते हैं ये दर्द भेड़िए हैं और खाल नोचते हैं, अज़ाब ए

कभी वो हाथ न आया हवाओं जैसा है

Kabhi wo haath na

कभी वो हाथ न आया हवाओं जैसा है वो एक शख़्स जो सचमुच ख़ुदाओं जैसा है, हमारी शम

ऐ दोस्त कहीं तुझ पे भी इल्ज़ाम न आए

Ae dost kahin tujh

ऐ दोस्त कहीं तुझ पे भी इल्ज़ाम न आए इस मेरी तबाही में तेरा नाम न आए, ये

इश्क़ कर के देख ली जो बेबसी देखी न थी

ishq kar ke dekh

इश्क़ कर के देख ली जो बेबसी देखी न थी इस क़दर उलझन में पहले ज़िंदगी देखी न

ज़िंदगी को न बना लें वो सज़ा मेरे बाद

zindagi ko na bana

ज़िंदगी को न बना लें वो सज़ा मेरे बाद हौसला देना उन्हें मेरे ख़ुदा मेरे बाद, कौन घूँघट

जब से तू ने मुझे दीवाना बना रखा है

jab se tu ne

जब से तू ने मुझे दीवाना बना रखा है संग हर शख़्स ने हाथों में उठा रखा है,

फूल जैसी है कभी ये ख़ार की मानिंद है

Phool jaisi hai kabhi

फूल जैसी है कभी ये ख़ार की मानिंद है ज़िंदगी सहरा कभी गुलज़ार की मानिंद है, तुम क़लम

ग़म ए उल्फ़त में डूबे थे उभरना भी ज़रूरी था

Gam e ulfat me

ग़म ए उल्फ़त में डूबे थे उभरना भी ज़रूरी था हमें राह ए मोहब्बत से गुज़रना भी ज़रूरी

अब ख़ाक तो किया है दिल को जला जला कर

ab khaaq to kiya

अब ख़ाक तो किया है दिल को जला जला कर करते हो इतनी बातें क्यूँ तुम बना बना