हिन्द का आज़ाद हो जाना कोई आसाँ नहीं

hind ka azaad ho

हिन्द का आज़ाद हो जाना कोई आसाँ नहीं देखना तुम को अभी क्या क्या दिखाया जाएगा, देखना तुम

रंग ओ बू के जहाँ के थे ही नहीं

rang o boo ke

रंग ओ बू के जहाँ के थे ही नहीं इस ज़मीं आसमाँ के थे ही नहीं, राह ओ

कोई दुश्मन भला भाता किसे है

koi dushman bhala bhaata

कोई दुश्मन भला भाता किसे है बनाना दोस्त भी आता किसे है फ़ना हो कर बक़ा पाता है

बदहवासी बदगुमानी बेनियाज़ी आप की

badhawasi badgumani beniyazi aap

बदहवासी बदगुमानी बेनियाज़ी आप की मुश्किलों में डाल देगी ज़िंदगानी आप की, देख कर हैरत है सब को

दीदार माहताब का शब भर नहीं हुआ

deedar mahtab ka shab

दीदार माहताब का शब भर नहीं हुआ रौशन मेंरे नसीब का अख़्तर नहीं हुआ, हर दम वही हुआ

हिज्र की धूप में छाओं जैसी बातें करते हैं

hizr ki dhoop me

हिज्र की धूप में छाओं जैसी बातें करते हैं आँसू भी तो माओं जैसी बातें करते हैं, रस्ता

इंसाफ ज़ालिमों की हिमायत में जायेगा

insaf zalimo ki himayat

इंसाफ ज़ालिमों की हिमायत में जायेगा ये हाल है तो कौन अदालत में जायेगा ? दस्तार नोच नोच

हर सू जहाँ में शाम ओ सहर ढूँढते हैं हम

har soo jahan me

हर सू जहाँ में शाम ओ सहर ढूँढते हैं हम जो दिल में घर करे वो नज़र ढूँढते

चराग़ ख़ुद ही बुझाया बुझा के छोड़ दिया

charag khud hi bujhaya

चराग़ ख़ुद ही बुझाया बुझा के छोड़ दिया वो ग़ैर था उसे अपना बना के छोड़ दिया, हज़ार

कुटिया में कौन आएगा इस तीरगी के साथ

kutiya me kaun ayega

कुटिया में कौन आएगा इस तीरगी के साथ अब ये किवाड़ बंद करो ख़ामोशी के साथ, साया है