जिसके सम्मोहन में पागल, धरती है, आकाश भी है

jiske sammohan me pagal dharti hai aakash bhi hai

जिसके सम्मोहन में पागल, धरती है, आकाश भी है एक पहेली सी से दुनिया, गल्प भी है, इतिहास

जल रहे हैं दिए मुंडेरों पर

jal rahe hai diye munderon par

जल रहे हैं दिए मुंडेरों पर हो रहा है करम अँधेरों पर तुम जो बन कर किरन किरन

जब से आई है दीपावली

jab se aai hai deepawali

जब से आई है दीपावली हर तरफ़ छाई है रौशनी हर जगह चाहतों के दिए शाम होते ही

दीवाली के दीप जलाएँ आ जाओ

deewali ke deep jalayen aa jaao

दीवाली के दीप जलाएँ आ जाओ रौशन रौशन गीत सुनाएँ आ जाओ गोशे गोशे में तज़ईन-ओ-ज़ेबाई साफ़ करें

घर की क़िस्मत जगी घर में आए सजन

ghar ki qismat jagi ghar me aaye sajan

घर की क़िस्मत जगी घर में आए सजन ऐसे महके बदन जैसे चंदन का बन आज धरती पे

घुट गया अँधेरे का आज दम अकेले में

ghut gaya andhere ka aaj dam akele me

घुट गया अँधेरे का आज दम अकेले में हर नज़र टहलती है रौशनी के मेले में आज ढूँढने

राम के हिज्र में इक रोज़ भरत ने ये कहा

ram ke hizr me ek roz bharat ne ye kaha

राम के हिज्र में इक रोज़ भरत ने ये कहा क़ल्ब-ए-मुज़्तर को शब-ओ-रोज़ नहीं चैन ज़रा दिल में

इक प्रेम पुजारी आया है चरनों में ध्यान लगाने को

ek prem pujari aaya hai charano me dhyan lagaane ko

इक प्रेम पुजारी आया है चरनों में ध्यान लगाने को भगवान तुम्हारी मूरत पर श्रधा के फूल चढ़ाने

दोस्तो क्या क्या दिवाली में नशात ओ ऐश है

doston kya kya deewali me nashaat o aish hai

दोस्तो क्या क्या दिवाली में नशात ओ ऐश है सब मुहय्या है जो इस हंगाम के शायाँ है

हर एक मकाँ में जला फिर दिया दिवाली का

har ek makaan me jala fir diya deewali ka

हर एक मकाँ में जला फिर दिया दिवाली का हर एक तरफ़ को उजाला हुआ दिवाली का, सभी