किए वादों का निभाना बाक़ी है

kiye-waado-ka-nibhana

किए वादों का निभाना बाक़ी है और अभी उनको मनाना बाक़ी है, मुझे अपना भी समझना बाक़ी है

वो बड़े बनते हैं अपने नाम से

wo-bade-bante-hai

वो बड़े बनते हैं अपने नाम से हम बड़े बनते है अपने काम से, वो कभी आग़ाज़ कर

संगदिल कहाँ किसी का गमगुसार करते है

sangdil-kahan-kisi-ka

संगदिल कहाँ किसी का गमगुसार करते है ये मुर्दा ज़मीर कब मज़लूमो से प्यार करते है, ना फ़िक्र

ख़ुद हो गाफ़िल तो अक्सर ये भी भूल जाते है

khud-ho-gafil-to

ख़ुद हो गाफ़िल तो अक्सर ये भी भूल जाते है कि ख़ुदा सब देख रहा है वो अंजान

जितने हरामखोर थे क़ुर्ब ओ जवार में

jitne-haramkhor-the-kurb

जितने हरामखोर थे क़ुर्ब ओ जवार में परधान बनके आ गए अगली क़तार में, दीवार फाँदने में यूँ

आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे

aankh-par-patti-rahe

आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे अपने शाह ए वक़्त का यूँ मर्तबा आला रहे

ये अमीरों से हमारी फ़ैसलाकुन जंग थी

ye-amiro-se-hamari

ये अमीरों से हमारी फ़ैसलाकुन जंग थी फिर कहाँ से बीच में मस्ज़िद ओ मंदिर आ गए ?

भरोसा कैसे करे कोई अब तिज़ारत के हवालो का ?

bharosa-kaise-kare-koi

भरोसा कैसे करे कोई अब तिज़ारत के हवालो का ? न रहा सत्ता का यकीं हमको, न सत्ता

रंगों की आड़ में खुनी खेल, ये इंसानियत क्या जाने ?

rango-ki-aad-me

रंगों की आड़ में खुनी खेल, ये इंसानियत क्या जाने ? हरा, भगवा में डूबे हुए केसरिया का

बात करते है यहाँ क़तरे भी समन्दर की तरह

baat karte hai yahan qatre bhi samndar ki tarah

बात करते है यहाँ क़तरे भी समन्दर की तरह अब लोग ईमान बदलते है कैलेंडर की तरह, कोई