किताब सादा रहेगी कब तक ?

किताब सादा रहेगी कब

किताब सादा रहेगी कब तक ? कभी तो आगाज़ ए बाब होगा, जिन्होंने बस्तियाँ उजाड़ी है कभी तो

बुरी है कीजिए नफ़रत निहायत

buri-hai-kijiye-nafarat

बुरी है कीजिए नफ़रत निहायत मिटाए दिल से सदियों की अदावत चलो हम एक हो जाएँ, वो क्या

तुम अपने अक़ीदों के नेज़े…

tum apne akido ke neze

तुम अपने अक़ीदों के नेज़े हर दिल में उतारे जाते हो, हम लोग मोहब्बत वाले हैं तुम ख़ंजर

पानी आँख में भर कर लाया जा सकता है

paani aankh me bhar kar laya jaa sakta hai

पानी आँख में भर कर लाया जा सकता है अब भी जलता शहर बचाया जा सकता है, एक

रिहा कर मुझे या सज़ा दे ऐ आदिल

riha kar mujhe yaa saja de

रिहा कर मुझे या सज़ा दे ऐ आदिल कोई तो फ़ैसला तू सुना दे ऐ आदिल, यूँ असीरी

मुस्कुरा कर चलो खिलखिला कर चलो

muskura kar chalo khilkhila k

मुस्कुरा कर चलो खिलखिला कर चलो दिल किसी का मगर ना दुखा कर चलो, जिसकी ख़ुशबू जहाँ में

मुझे यकीं है अब हमारा जहान बदलेगा

mujhe yaqin hai ab hamara jahan badlega

मुझे यकीं है अब हमारा जहान बदलेगा ज़मीन बदलेगी और आसमान बदलेगा, ये खार बदलेंगे और खारज़ाद बदलेगा

कौन मुन्सफ़, कहाँ इंसाफ़, किधर का दस्तूर

kaun munsaf kahan insaf

कौन मुन्सफ़, कहाँ इंसाफ़, किधर का दस्तूर अब ये मिज़ान सजावट के सिवा कुछ भी नहीं, अदालत की

सताते हो तुम मज़लूमों को सताओ

satate ho tum mazlumon ko

सताते हो तुम मज़लूमों को सताओ मगर ये समझ के ज़रा ज़ुल्म ढहाओ मज़ालिम का लबरेज़ जब जाम

वतन से उल्फ़त है जुर्म अपना…

watan se ulfat hai zurm

वतन से उल्फ़त है जुर्म अपना ये जुर्म ता ज़िन्दगी करेंगे है किस की गर्दन पे खून ए