शाम आई तिरी यादों के सितारे निकले…

शाम आई तिरी यादों

शाम आई तिरी यादों के सितारे निकलेरंग ही ग़म के नहीं नक़्श भी प्यारे निकले, एक मौहूम तमन्ना

ताज़ा मोहब्बतों का नशा जिस्म ओ जाँ में है

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ताज़ा मोहब्बतों का नशा जिस्म ओ जाँ में है फिर मौसम ए बहार मिरे गुल्सिताँ में है, इक