हर्फ़ ए ताज़ा नई ख़ुशबू में लिखा चाहता है
हर्फ़ ए ताज़ा नई ख़ुशबू में लिखा चाहता है बाब एक और मोहब्बत का खुला चाहता है, एक …
Parveen Shakir
हर्फ़ ए ताज़ा नई ख़ुशबू में लिखा चाहता है बाब एक और मोहब्बत का खुला चाहता है, एक …
हम ने ही लौटने का इरादा नहीं किया उसने भी भूल जाने का वादा नहीं किया, दुख ओढ़ते …
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर …
कू ब कू फैल गई बात शनासाई की उसने ख़ुशबू की तरह मेरी पज़ीराई की, कैसे कह दूँ …
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता …
मुश्किल है कि अब शहर में निकले कोई घर से दस्तार पे बात आ गई होती हुई सर …
एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा, किस …
जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे चाँद के हमराह हर शब सफ़र करते रहे, रास्तों का …
अब भला छोड़ के घर क्या करते शाम के वक़्त सफ़र क्या करते, तेरी मसरूफ़ियतें जानते हैं अपने …
शाम आई तिरी यादों के सितारे निकलेरंग ही ग़म के नहीं नक़्श भी प्यारे निकले, एक मौहूम तमन्ना …