फ़ना के तीर हवा के परों में रखे हैं

fanaa ke teer hawa ke paron me

फ़ना के तीर हवा के परों में रखे हैं कि हम घरों की जगह मक़बरों में रखे है,

आँसूं भी जो मिल जाएँ तो मुस्काती हैं

aansoon bhi jo mil jaaye to

आँसूं भी जो मिल जाएँ तो मुस्काती हैं बेटियाँ तो बड़ी मासूम हैं जज़्बाती हैं, ख़िदमत से उतर

उसने कहा कि मुझसे तुम्हें कितना प्यार है ?

usne kaha ki mujhse kitna pyar hai

उसने कहा कि मुझसे तुम्हें कितना प्यार है ? मैंने कहा सितारों का भी कोई शुमार है, उसने

मुझे यकीं है अब हमारा जहान बदलेगा

mujhe yaqin hai ab hamara jahan badlega

मुझे यकीं है अब हमारा जहान बदलेगा ज़मीन बदलेगी और आसमान बदलेगा, ये खार बदलेंगे और खारज़ाद बदलेगा

तुम सोज़ ए तमन्ना क्या जानों

tum soz e tamanna kya jaano

तुम सोज़ ए तमन्ना क्या जानों तुम दर्द ए मुहब्बत क्या समझों ? तुम दिल का तड़पना क्या

वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता

wo mere ghar nahi aata main uske ghar nahi

वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता मगर इन एहतियातों से ताअल्लुक़ मर नहीं जाता,

जब लहजे बदल जाएँ तो वज़ाहतें कैसी ?

jab lahje badal jaayen to

जब लहजे बदल जाएँ तो वज़ाहतें कैसी ? नई मयस्सर हो जाएँ तो पुरानी चाहतें कैसी ? वस्ल

सोच के ख़ुद ही बताएं ये बताने वाले

soch ke khud hi bataye ye

सोच के ख़ुद ही बताएं ये बताने वाले तूने सीखे हैं जो अंदाज़ ज़माने वाले, आधे रस्ते से

दिल ए बेताब की मुझको हिमायत अब नहीं करनी

dil e betab ki mujhko

दिल ए बेताब की मुझको हिमायत अब नहीं करनी मुझे आज़ाद रहना हैं मुहब्बत अब नहीं करनी, गिला

कैसे होता है मुमकिन ये गवारा करना

kaise hota hai mumkin ye ganvara karna

कैसे होता है मुमकिन ये गवारा करना दिल में बसे हुए लोगो से किनारा करना, कुछ मुहब्बत के