कहो तो आज दिल ए बे क़रार कैसे हो ?

कहो तो आज दिल

कहो तो आज दिल ए बे क़रार कैसे हो ? शब ए अलम के सताए नज़ार कैसे हो

भीगा हुआ है आँचल आँखों में भी नमी है

भीगा हुआ है आँचल

भीगा हुआ है आँचल आँखों में भी नमी है फैला हुआ है काजल आँखों में भी नमी है,

अपने साये से भी अक्सर डर जाते है लोग

अपने साये से भी

अपने साये से भी अक्सर डर जाते है लोग जाने अनजाने में गुनाह कर जाते है लोग, लिखी

ज़िन्दगी ने लिया है ऐसा इम्तिहाँ मेरा

ज़िन्दगी ने लिया है

ज़िन्दगी ने लिया है ऐसा इम्तिहाँ मेरा सदा ही साथ रहा है गम ए दौराँ मेरा, दिन ओ

दुनियाँ की बुलंदी के तलबगार नहीं हैं

duniya ki bulandi ke talabgar nahi ahi

दुनियाँ की बुलंदी के तलबगार नहीं हैं हम अहल ए ख़िरद तेरे परस्तार नहीं हैं, बरगद की तरह

जिस वक़्त वालिदैन ने जनाज़े उठाये होंगे

jis waqt vaalidain ne janaje uthaye honge

जिस वक़्त वालिदैन ने जनाज़े उठाये होंगे उस वक़्त कितने खून के आँसू बहाए होंगे, मुंसफ सज़ा कहाँ

बताओ दिल की बाज़ी में भला क्या बात गहरी थी ?

bataao dil ki baat me kya baat gahri thi

बताओ दिल की बाज़ी में भला क्या बात गहरी थी ? कहा, यूँ तो सभी कुछ ठीक था

अपने अंदाज़ में औरों से जुदा लगते हो

apne andaj men auro se juda lagte ho

अपने अंदाज़ में औरों से जुदा लगते हो सब बला लगते हैं तुम रद ए बला लगते हो,

नाम ए मुहब्बत का यही इस्तिआरा है

naam e muhabbat ka yahi

नाम ए मुहब्बत का यही इस्तिआरा है जो नहीं है हासिल वही होता हमारा है, माज़ी में छोड़

कुछ इस लिए भी तह ए आसमान मारा गया

kuch is liye bhi tah e aasmaan maara gaya

कुछ इस लिए भी तह ए आसमान मारा गया मैं अपने वक़्त से पहले यहाँ उतारा गया, ये