हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो

हम को जुनूँ क्या

हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो हम थे परेशाँ तुम से ज़्यादा चाक किए हैं हम ने अज़ीज़ो

कभी ख़ुद कभी औरो को हटाते रहिए

कभी ख़ुद कभी औरो

कभी ख़ुद कभी औरो को हटाते रहिए बस यूँ ही रास्तो को सहल बनाते रहिए, कही उठ जाइए

यूँ तो आपस में बिगड़ते हैं ख़फ़ा होते हैं

यूँ तो आपस में

यूँ तो आपस में बिगड़ते हैं ख़फ़ा होते हैं मिलने वाले कहीं उल्फ़त में जुदा होते हैं ?

कोई हमदम न रहा कोई सहारा न रहा

कोई हमदम न रहा

कोई हमदम न रहा कोई सहारा न रहा हम किसी के न रहे कोई हमारा न रहा, शाम

किताब सादा रहेगी कब तक ?

किताब सादा रहेगी कब

किताब सादा रहेगी कब तक ? कभी तो आगाज़ ए बाब होगा, जिन्होंने बस्तियाँ उजाड़ी है कभी तो

मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा

मेरे जैसे बन जाओगे

मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा दीवारों से सर टकराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा,

दुनिया ए तसव्वुर हम आबाद नहीं करते

दुनिया ए तसव्वुर हम

दुनिया ए तसव्वुर हम आबाद नहीं करते याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते, वो

कौन आता है बुझाने प्यास प्यासा देख कर

कौन आता है बुझाने

कौन आता है बुझाने प्यास प्यासा देख कर घर चले जाते है सब के सब तमाशा देख कर,

वो इश्क़ जो हम से रूठ गया…

वो इश्क़ जो हम

वो इश्क़ जो हम से रूठ गया अब उस का हाल बताएँ क्या ? कोई मेहर नहीं कोई

एक हम दोनों को ये हालात नहीं कर सकते

एक हम दोनों को

एक हम दोनों को ये हालात नहीं कर सकते ख़ुद को वग्फ़ ए मुज़ाफ़ात नहीं कर सकते, तेरे