हमें बर्बादियों पे मुस्कुराना ख़ूब आता है

hume barbadiyon pe muskurana

हमें बर्बादियों पे मुस्कुराना ख़ूब आता है अँधेरी रात में दीपक जलाना ख़ूब आता है, ग़लत फ़हमी तुम्हें

मुझे तलाश थी जिस की वही कभी न मिली

mujhe talash thi jis

मुझे तलाश थी जिस की वही कभी न मिली हर एक चीज़ मिली एक ज़िंदगी न मिली, तेरी

जले चराग़ बुझाने की ज़िद नहीं करते

jale chirag bujhaane ki

जले चराग़ बुझाने की ज़िद नहीं करते अब आ गए हो तो जाने की ज़िद नहीं करते, किसी

उफ़ुक़ अगरचे पिघलता दिखाई पड़ता है

ufooq agarche pighalta dikhaai

उफ़ुक़ अगरचे पिघलता दिखाई पड़ता है मुझे तो दूर सवेरा दिखाई पड़ता है, हमारे शहर में बे चेहरा

जिस्म की हर बात है आवारगी ये मत कहो

jism ki har baat hai

जिस्म की हर बात है आवारगी ये मत कहो हम भी कर सकते हैं ऐसी शायरी ये मत

परेशाँ रात सारी है सितारो तुम तो सो जाओ

pareshaan raat saari hai

परेशाँ रात सारी है सितारो तुम तो सो जाओ सुकूत ए मर्ग तारी है सितारो तुम तो सो

तुम्हें जब कभी मिलें फ़ुर्सतें मेरे दिल से बोझ उतार दो

tumhen jab kabhi milen

तुम्हें जब कभी मिलें फ़ुर्सतें मेरे दिल से बोझ उतार दो मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे

तेरे आने का धोखा सा रहा है

tere aane ka dhokha

तेरे आने का धोखा सा रहा है दिया सा रात भर जलता रहा है, अजब है रात से

कभी सुकूँ तो कभी इज़्तिराब जैसा है

kabhi sukoon to kabhi

कभी सुकूँ तो कभी इज़्तिराब जैसा है अब उसका मिलना मिलाना भी ख़्वाब जैसा है, ये तिश्नगी ए

समंद ए शौक़ पे ख़त उस का ताज़ियाना हुआ

samand e shauq pe

समंद ए शौक़ पे ख़त उस का ताज़ियाना हुआ मिले हुए भी तो उस से हमें ज़माना हुआ,