नसीम ए सुबह गुलशन में गुलो से खेलती होगी

nasim-e-subah-gulshan

नसीम ए सुबह गुलशन में गुलो से खेलती होगी किसी की आख़िरी हिचकी किसी की दिल्लगी होगी, तुम्हे

किस एहतियात से उसने नज़र बचाई है

kis-ehtiyat-se-usne

किस एहतियात से उसने नज़र बचाई है ज़माना अब भी समझता है आशनाई है, मेरे अज़ीज़ है इसका

उम्र भर चलते रहे हम वक़्त की तलवार पर

umr-bhar-chalte-rahe

उम्र भर चलते रहे हम वक़्त की तलवार पर परवरिश पाई है अपने ख़ून ही की धार पर,

जिस तरफ़ चाहूँ पहुँच जाऊँ मसाफ़त कैसी

jis-taraf-chahoon-pahunch

जिस तरफ़ चाहूँ पहुँच जाऊँ मसाफ़त कैसी मैं तो आवाज़ हूँ आवाज़ की हिजरत कैसी ? सुनने वालों

बात करते है ख़ुशी की भी तो रंज़ के साथ

baat-karte-hai-khushi

बात करते है ख़ुशी की भी तो रंज़ के साथ वो हँसाते भी है ऐसा कि रुला देते

हुस्न ए मह गरचे बहंगाम ए कमाल अच्छा है

husn-e-mah-garche

हुस्न ए मह गरचे बहंगाम ए कमाल अच्छा है उससे मेरा मह ए ख़ुर्शीद जमाल अच्छा है, बोसा

जुज़ तेरे कोई भी दिन रात न जाने मेरे

juz-tere-koi-bhi

जुज़ तेरे कोई भी दिन रात न जाने मेरे तू कहाँ है मगर ऐ दोस्त पुराने मेरे ?

ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है

zindagi ki kashmakash se pareshan bahut hai

ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है दिल को न उलझाओ ये नादान बहुत है, यूँ सामने आ

किसी दरबार की आमीन भरी खल्वत में

kisi-darbar-ki-aamin

किसी दरबार की आमीन भरी खल्वत में ऐन मुमकिन है तुम्हे मेरा पता मिल जाए, ये भी हो

महफ़िले ख़्वाब हुई रह गए तन्हा चेहरे

mahfile-khwab-hui-rah

महफ़िले ख़्वाब हुई रह गए तन्हा चेहरे वक़्त ने छीन लिए कितने शनासा चेहरे, सारी दुनियाँ के लिए