अब तरसते हो कि बच्चे मेरे बोले उर्दू

ab taraste ho ki bachche mere bole urdu

अब तरसते हो कि बच्चे मेरे बोले उर्दू उन्हें अफरंग बनाने की ज़रूरत क्या थी ? आज रोते

औरों की प्यास और है और उसकी…

auro ki pyas aur hai aur uski pyas aur

औरों की प्यास और है और उसकी प्यास और कहता है हर गिलास पे बस एक गिलास और,

जंग जितनी हो सके दुश्वार होनी चाहिए

jung jitni ho sake dushwar honi chahiye

जंग जितनी हो सके दुश्वार होनी चाहिए जीत हासिल हो तो लज़्ज़तदार होनी चाहिए, एक आशिक़ कल सलामत

अगरचे ज़ोर हवाओं ने डाल रखा है…

agarche zor hawaao ne daal rakha hai

अगरचे ज़ोर हवाओं ने डाल रखा है मगर चराग़ ने लौ को सँभाल रखा है, मोहब्बतों में तो

वो हँस के देखती होती तो उस से बात…

wo hans ke dekhti hoti to us se baat karte

वो हँस के देखती होती तो उस से बात करते कोई उम्मीद भी होती तो उससे बात करते,

उड़ते हैं गिरते हैं फिर से उड़ते हैं

udte hai girte hai fir se udte hai

उड़ते हैं गिरते हैं फिर से उड़ते हैं उड़ने वाले उड़ते उड़ते उड़ते हैं, कोई उस बूढे पीपल

तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया

tarif us khuda ki jisne jahan banaya

तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया कैसी हसीं ज़मीं बनाई क्या आसमां बनाया, मिट्टी से बेल बूटे

जी भर कर रोने को करता है दिल…

jee bhar kar rone ko karta hai dil

जी भर कर रोने को करता है दिल आज पलकें भिगोने को करता है दिल, नहीं मालूम कुछ

इलाज़ ए शीशा ए दिल करूँ मिले…

ilaz e shisha e dil karoon mile jo sishagar koi

इलाज़ ए शीशा ए दिल करूँ मिले जो शीशा गर कोई कोई मिला नहीं इधर, मिलेगा क्या उधर

जब इक्कीस बरस गुज़रे आज़ादी…

jab ikkis baras guzre azadi e kamil ko

जब इक्कीस बरस गुज़रे आज़ादी ए कामिल को तब जा के कहीं हमको ‘ग़ालिब’ का ख़याल आया, तुर्बत