आँखें यूँ बरसीं पैराहन भीग गया…

aankhe yun barasi pairahan bhig gaya

आँखें यूँ बरसीं पैरहन भीग गया तेरे ध्यान में सारा सावन भीग गया, ख़ुश्क महाज़ो बढ़ के मुझे

ये तसव्वुर का वार झूठा है…

ye tasavvur ka vaar jhutha hai

ये तसव्वुर का वार झूठा है ख़्वाब झूटे हैं सार झूठा है, फूल तुम तोड़ लाए शाख़ों से

सारे मौसम बदल गए शायद…

saare mausam badal gaye shayad

सारे मौसम बदल गए शायद और हम भी सँभल गए शायद, झील को कर के माहताब सुपुर्द अक्स

ज़िंदा रहने की ये तरकीब निकाली मैं ने

zinda rahne ki ye tarqib nikali maine

ज़िंदा रहने की ये तरकीब निकाली मैं ने अपने होने की ख़बर सब से छुपा ली मैं ने,

मंज़िल पे न पहुँचे उसे रस्ता नहीं कहते

manzil pe na pahunche use rasta nahi kahte

मंज़िल पे न पहुँचे उसे रस्ता नहीं कहते दो चार क़दम चलने को चलना नहीं कहते, एक हम

बेकार जब दुआ है दवा क्या करेगी आज

bekar jab duaa hai dawa kya karegi aaj

बेकार जब दुआ है दवा क्या करेगी आज ऐसे में ज़िंदगी भी वफ़ा क्या करेगी आज ? ये

सामने तू है लम्हा लम्हा मेरे…

saamne tu hai mere lamha lamha

सामने तू है लम्हा लम्हा मेरे और ज़मीं आसमां की दूरी है, कोई मंतक, कोई दलील नहीं तू

उदास दिल है कि उनकी नज़र नहीं होती

udas dil hai ki unki nazar nahi hoti

उदास दिल है कि उनकी नज़र नहीं होती बग़ैर शम्स के ताब ए क़मर नहीं होती, कुछ ऐसे

बेवजह कहीं आना जाना क्या

bewajah kahin aana jana kya

बेवजह कहीं आना जाना क्या बिन बात के मुस्कुराना क्या हर शख्स दानिशमंद मिलेगा यहाँ किसी को समझाना

दिल धड़कता है तो आती हैं सदाएँ तेरी

dil dhadakta hai to aati hai sadayen teri

दिल धड़कता है तो आती हैं सदाएँ तेरी मेरी साँसों में महकने लगीं साँसें तेरी, चाँद ख़ुद महव